Sunday, April 5, 2015

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थक गया हु रोटी के पीछे भाग भाग कर।

थक गया हु रोटी के पीछे भाग भाग कर।
थक गया हु सोती रातो मै जाग जाग कर।।
काश मिल जाये वही बिता हुआ बचपन।
जब माँ..खिलाती थी भाग भाग कर।
और सुलाती थी जाग जाग कर।

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